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chhatrapati shivaji history : श्रीमंत छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास

 chhatrapati shivaji history : श्रीमंत छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास (Kapil kp coaching centre ) शिवाजी महाराज जन्म : 19 फरवरी 1630 मृत्यु : 3 अप्रैल 1680   भारत के वीर सपूतों में से एक श्रीमंत छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में सभी लोग जानते हैं। बहुत से लोग इन्हें हिन्दू हृदय सम्राट कहते हैं तो कुछ लोग इन्हें मराठा गौरव कहते हैं, जबकि वे भारतीय गणराज्य के महानायक थे। छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म सन्‌ 19 फरवरी 1630 में मराठा परिवार में हुआ। कुछ लोग 1627 में उनका जन्म बताते हैं। उनका पूरा नाम शिवाजी भोंसले था। शिवाजी पिता शाहजी और माता जीजाबाई के पुत्र थे। उनका जन्म स्थान पुणे के पास स्थित शिवनेरी का दुर्ग है। राष्ट्र को विदेशी और आतताई राज्य-सत्ता से स्वाधीन करा सारे भारत में एक सार्वभौम स्वतंत्र शासन स्थापित करने का एक प्रयत्न स्वतंत्रता के अनन्य पुजारी वीर प्रवर शिवाजी महाराज ने भी किया था। इसी प्रकार उन्हें एक अग्रगण्य वीर एवं अमर स्वतंत्रता-सेनानी स्वीकार किया जाता है। महाराणा प्रताप की तरह वीर शिवाजी राष्ट्रीयता के जीवंत प्रतीक एवं परिचायक थे। आओ जानते हैं श्रीमंत छत्रपति वीर श

भारत के ऐतिहासिक एवं दर्शनीय स्थल

 🇮🇳🏔️भारत के ऐतिहासिक एवं दर्शनीय स्थल⛰️🌾 🏛 अमरनाथ गुफा➖काश्मीर 🏛सूर्य मन्दिर (ब्लैक पगोडा)➖ कोणार्क 🏛वृहदेश्वर मन्दिर➖तन्जौर 🏛दिलवाड़ा मन्दिर, माउंट आबू 🏛आमेर दुर्ग➖जयपुर 🏛इमामबाड़ा➖ लखनऊ 🏛वृन्दावन गार्डन➖मैसूर 🏛चिल्का झील➖ओड़ीसा 🏛अजन्ता की गुफाएँ➖औरंगाबाद 🏛मालाबार हिल्स➖ मुम्बई 🏛गोमतेश्वर मन्दिर श्रवणबेलगोला➖ कर्नाटक 🏛बुलन्द दरवाजा➖ फतेहपुर सीकरी 🏛अकबर का मकबरा➖सिकन्दरा, आगरा 🏛जोग प्रपात➖मैसूर 🏛शान्ति निकेतन➖ कोलकाता 🏛रणथम्भौर का किला➖सवाई माधोपुर 🏛आगा खां पैलेस➖पुणे 🏛महाकाल का मन्दिर➖उज्जैन 🏛कुतुबमीनार➖दिल्ली 🏛एलिफैंटा की गुफाएँ➖ मुम्बई 🏛ताजमहल➖ आगरा 🏛इण्डिया गेट➖ दिल्ली 🏛विश्वनाथ मन्दिर➖वाराणसी 🏛साँची का स्तूप➖भोपाल 🏛निशात बाग➖श्रीनगर 🏛मीनाक्षी मन्दिर➖मदुरै 🏛स्वर्ण मन्दिर➖अमृतसर 🏛एलोरा की गुफाएँ➖औरंगाबाद 🏛हवामहल➖जयपुर  🏛जंतर-मंतर➖दिल्ली 🏛शेरशाह का मकबरा➖ सासाराम 🏛एतमातुद्दौला➖आगरा 🏛सारनाथ➖ वाराणसी के समीप 🏛नटराज मन्दिर➖ चेन्नई 🏛जामा मस्जिद➖ दिल्ली 🏛जगन्नाथ मन्दिर➖ पुरी 🏛गोलघर➖ पटना 🏛विजय स्तम्भ➖चित्तौड़गढ़ 🏛गोल गुम्बद➖बीजापुर 🏛गोलकोण्डा➖ह

प्रमुख राजवंश और उनके संस्थापक

══━━━━━✥ ❉ ✥━━━━━══ 🌾🏔️🏔️प्रमुख राजवंश और उनके संस्थापक🌿⛰️ ══━━━━━✥ ❉ ✥━━━━━══ 🔳हर्यक वंश - बिम्बिसार 🔳नन्द वंश - महापदम नन्द 🔳मौर्य साम्राज्य - चन्द्रगुप्त मौर्य 🔳गुप्त वंश - श्रीगुप्त 🔳पाल वंश - गोपाल 🔳पल्लव वंश - सिंहविष्णु 🔳राष्ट्रकूट वंश - दन्तिदुर्ग  🔳चालुक्य-वातापी वंश - पुलकेशिन प्रथम 🔳चालुक्य-कल्याणी वंश - तैलप-द्वितीय 🔳चोलवंश - विजयालय  🔳सेनवंश - सामन्तसेन 🔳गुर्जर प्रतिहार वंश - हरिश्चंद्र/नागभट्ट 🔳चौहान वंश - वासुदेव 🔳चंदेल वंश - नन्नुक 🔳गुलाम वंश - कुतुबुद्दीन ऐबक 🔳ख़िलजी वंश - जलालुद्दीन फिरोज ख़िलजी 🔳तुगलक वंश - गयासुद्दीन तुगलक 🔳सैयद वंश - खिज्र खान 🔳लोदी वंश - बहलोल लोदी 🔳विजयनगर साम्राज्य - हरिहर एवं बुक्का 🔳बहमनी - हसन गंगू 🔳मुगल वंश -बाबर Share जरूर करें ‼️.... ══━━━━━✥ ❉ ✥━━━━━═ 🌿Kapil kp Coaching Centre 👈🌿 ══━━━━━✥ ❉ ✥━━━━━══

देश की प्रमुख उत्पादन क्रान्तियां

✍️ देश की प्रमुख उत्पादन क्रान्तियां 🌿 हरित क्रांति –खाद्यान्न उत्पादन 🐄 श्वेत क्रांति – दुग्ध उत्पादन 🐬 नीली क्रांति – मत्स्य उत्पादन 🐌 भूरी क्रांति – उर्वरक उत्पादन 🥚 रजत क्रांति – अंडा उत्पादन 🍯 पीली क्रांति – तिलहन उत्पादन 🛢 कृष्ण क्रांति – बायोडीजल उत्पादन 🍅 लाल क्रांति – टमाटर/मांस उत्पादन 🦐 गुलाबी क्रांति – झींगा मछली उत्पादन 🍛 बादामी क्रांति – मासाला उत्पादन 🍋 सुनहरी क्रांति – फल उत्पादन 💧अमृत क्रांति – नदी जोड़ो परियोजनाएं 🎲 धुसर/स्लेटी क्रांति– सीमेंट 🥔 गोल क्रांति– आलू 🌈 इंद्रधनुषीय क्रांति– सभी क्रांतियो पर निगरानी रखने हेतु 🌄 सनराइज/सुर्योदय क्रांति– इलेक्ट्रॉनिक उद्योग के विकास के हेतु 🌊 गंगा क्रांति– भ्रष्टाचार के खिलाफ सदाचार पैदा करने हेतु वाटर मैन ऑफ इंडिया राजेन्द्र सिंह द्वारा 🐜 सदाबहार क्रांति– जैव तकनीकी 🎋 सेफ्रॉन क्रांति– केसर उत्पादन से 🐌 स्लेटी/ग्रे क्रांति–उर्वरको के उत्पादन से 🎍हरित सोना क्रांति– – बाँस उतपादन से 🌽 मूक क्रांति– मोटे अनाजों के उत्पादन से 🍴 परामनी क्रांति– भिन्डी उत्पादन से 🌿 ग्रीन गॉल्ड क्रांति– चाय उत्पादन से 🌴 खाद्द

अकबर ने बिरबल को क्यों मारा?

 अकबर ने बिरबल को क्यों मारा? अकबर के कारण हुई बिरबल की मौत। अफगानिस्तान के यूसुफजई जनजातियों ने मुगल शासन के खिलाफ सिंधु नदी के पूर्वी तट पर विद्रोह शुरू कर दिया था। अकबर द्वारा विद्रोह को कुचलने के लिए भेजे गए सैनिक मारे जा चुके थे। अकबर ने 1586 में कमांडर जैन खान की मदद के लिए अटॉक में अपनी नई सेना सुदृढीकरण के साथ बुद्धिमान बीरबल को भेजा। बीरबल और सेना स्वात घाटी (वर्तमान में पाकिस्तान) में एक संकीर्ण दर्रे में चली गईं, अफगान सैनिक पहाड़ियों में घात लगाए बैठे थे, और उन्होंने ऊपर से गोले बरसाने शुरू कर दिए। इसके बाद हुई अकबर की बड़ी हार में बीरबल और 8000 से ज्यादा सैनिक मारे गए। सबसे दुखद बात यह रही कि उनका शरीर कभी नहीं मिला। यह अकबर के लिए सबसे बड़ा सैन्य नुकसान था। कहा जाता है कि अपने पसंदीदा राजदरबारी बीरबल को खोने के गम तक कुछ नहीं खाया और पिया। वह दुखी बेहद दुखी थे क्योंकि बीरबल का शव न मिलने के कारण उनका अंतिम संस्कार भी नहीं किया जा सा था। महान अकबर ने घोषणा की थी कि सिंहासन संभालने के बाद से यह उनकी सबसे बड़ी त्रासदी थी।