पाठ 1. फ्रांसीसी क्रांति
Important Notes (नोट्स)
• फ्रांस के लोग महंगाई कर वृद्धि और निरंकुश शासन से परेशान थे।
• फ्रांसीसी क्रांति ने फ्रांस में राजतंत्र को समाप्त कर दिया ।
• क्रांति के दौरान तैयार किया गया मानव अधिकार घोषणापत्र एक नए युग के आगमन का द्योतक था ।
• सन 1774 में बुब राजवंश का लुई XVI फ्रांस की राजगद्दी पर आसीन हुआ |
• जब लुई XVI फ्रांस की राजगद्दी पर आसीन हुआ तो राजकोष खाली था और कई युद्ध लड़ने के कारण कर्ज के
बोझ से दबा था। कर्ज का बोझ दिनों दिन बढ़ता जा रहा था । • अठारहवीं सदी में फ्रांसीसी समाज तीन एस्टेट्स में बंटा हुआ था और केवल तीसरे एस्टेट के लोग ही कर अदा करते थे |पूरी आबादी में लगभग 90 प्रतिशत किसान थे। लगभग 60 प्रतिशत जमीन पर कुलीनों, चर्च और तीसरे एस्टेट्स के अमीरों का अधिकार था।
• प्रथम दो एस्टेट्स, कुलीन वर्ग एवं पादरी वर्ग के लोगों को कुछ विशेषाधिकार प्राप्त था, जिसमें महत्वपूर्ण था राज्य को दिए जाने वाले कर से छुट ।
• कुलीन वर्ग किसानों से सामंती कर वसूला करता था। वहाँ के किसान अपने स्वामी के घर एवं खेतों में काम . सैन्य सेवाएँ देना अथवा सड़क के निर्माण में सहयोग देने के लिए बाध्य थे ।
• चर्च भी किसानों से करों का एक हिस्सा, टाइद (Tithe, एक प्रकार का धार्मिक कर) के रूप में वसूलते थे । जबकि उन्हें प्रत्यक्ष कर टाइल (Taille) भी देना पड़ता था
• विश्व के सामाजिक संरचना के क्षेत्र में आमूल परिवर्तन का सूत्रपात फ्रांस की क्रांति को जाता है।
• फ्रांस के राष्ट्रगान को मार्सिले के नाम से जाना जाता है। लुई सोलहवें को न्यायालय द्वारा देशद्रोह के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई और 21 जनवरी 1793 में
उसे सार्वजनिक रूप से फांसी दे दी गयी ।
• सन 1793 से 1794 तक के काल को फ्रांस के इतिहास में आतंक का युग कहा जाता है। इस समय फ्रांस में जैकोबिन क्लब का शासन था |
• जैकोबिन क्लब के नेता का नाम था मैक्समिलियन रोबेस्प्येर था |
• जैकोबिनों को "सौ कुलॉत" के नाम से जाना जाता था। सौ कुलॉत पुरुष लाल रंग की टोपी पहनते थे जो स्वतंत्रता का प्रतिक था।
• 21 सितम्बर 1992 को फ्रांस में राजतन्त्र का अंत हुआ और फ्रांस को एक गणतंत्र घोषित किया गया ।
• गणतंत्र, सरकार का वह रूप है जहाँ सरकार एवं उसके शासक प्रमुख का चुनाव जनता करती है।
• गणतंत्र बनने के बाद फ्रांस में जैकोबिनों का शासन हुआ। रोबेस्प्येर सरकार सत्ता में आई
• गर्दन से धड अलग करने की मशीन को गिलेटिन कहा जाता है। इसका नाम इसके अविष्कारक डॉ० गिलेटिन के नाम से पड़ा है।
• रोबेस्प्येर सरकार ने चर्चों को बंद कर दिया और उसके भवनों को बैरक या दफ्तर बना दिया गया ।
• मैक्समिलियन रोबेस्प्येर ने अपनी नीतियाँ इतनी सख्ती से लागू किया कि उसके समर्थक भी त्राहि-त्राहि करने लगे। अंततः जुलाई 1994 में न्यायालय द्वारा उसे दोषी ठहराया गया और गिरफ्तार करके अगले ही दिन उसे गिलोटिन पर चढ़ा दिया गया।
• जैकोबिन सरकार के पतन के बाद फ्रांस में मध्य वर्ग के संपन्न तबके के पास सता आ गई, नया संविधान बना और जिसमें दो चुनी हुई परिषदों का प्रावधान रखा गया और इन परिषदों ने पांच सदस्यों वाली एक कार्यपालिका - डायरेक्टरी को नियुक्त किया गया ।।
• लेकिन फ्रांस में यह शासन भी डिरेक्टरों के आपसी झगड़ों से नहीं चला और फिर सैनिक तानाशाह नेपोलियन बोनापार्ट का उदय हुआ ।
अति महत्वपूर्ण प्रश्न -उत्तर
Q1. फ्रांस में क्रांति की शुरुआत किन परिस्थितयों में हुई
उत्तरः फ्रांस में क्रांति की शुरुआत निम्न परिस्थितयों में हुई :
(i) लुई सोलहवें का शासन था और कई बार युद्ध की मार झेलने से फ्रांस की आर्थिक स्थिति जर्जर हो चुकी थी | अब उसे फिर से नए कर बढ़ाने की आवश्यकता थी।
(ii) मजदूरों, व्यवसायियों एवं किसानों का शोषण हो रहा था। मजदूरी महंगाई की दर से नहीं बढ़ रही थी।
(iii) किसानों की फसलें कड़ाके की ठंढ के कारण मारी गई थी और खाने-पीने की वस्तुएँ आसमान छूने लगी थी ।
(iv) तीसरे एस्टेट के प्रनितिधि अब खुद को नैशनल असेंबली घोषित कर चूके थे और नए संविधान भी बनाना शुरू कर दिया था। इस समय कुछ दार्शनिकों के विचार और निरंकुश शासन से पूरा फ्रांस आंदोलित होने लगा था।
Q2. फ्रांसिसी समाज के किन तबकों को क्रांति का फायदा मिला? कौन से समूह सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर हो गए ? क्रांति के नतीजों से समाज के किन समूहों को निराशा हुई ?
उत्तरः फ्रांसिसी समाज के तीसरे तबकों को क्रांति का फायदा मिला। कुलीन वर्ग को सत्ता छोड़ना पड़ा जो जनता से सामंती कर वसूलते थे।
पादरी वर्ग को निराशा हुई जिनकी चर्चों को बंद कर दिया गया और चर्चों के भवनों को कार्यालयों में तब्दील कर दिया गया
Q3. उन्नीसवीं और बीसवीं सदी की दुनिया के लिए फ्रांसिसी क्रांति कौन सी विरासत छोड़ गई ?
उत्तरः उन्नीसवीं और बीसवीं सदी की दुनिया के लिए फ्रांसिसी क्रांति निम्न विरासतें छोड़ गई।
(i) स्वतंत्रता और जनवादी अधिकारों के विचार फ्रांसिसी क्रांति की सबसे महत्वपूर्ण विरासत थे। (ii) विश्व के अधिकांश देशों के अन्दर जहाँ इस तरह की क्रांति की आवश्यकता थी उन्हें फ्रांस की क्रांति से प्रेरणा मिली
(iii) अमेरिका, रूस और इंग्लैंड में भी इस क्रांति की प्रेरणा से क्रांति हुए और विश्व पटल पर आ हुए।
(iv) इस क्रांति की प्रेरणा से विश्व के अनेक देशों में सामाजिक, राजनैतिक और क्रन्तिकारी आन्दोलन हुए। (v) इस क्रांति से तानाशाही और निरंकुश शासकों का अंत हुआ और विश्व जनमानस अपने अधिकारों की रक्षा के
लिए आन्दोलन को प्रेरित हुए।
Q4. उन जनवादी अधिकारों की सूची बनाएँ जो आज हमें मिले हुए हैं और जिनका उद्गम फ्रांसिसी क्रांति में है।
उत्तरः
(i) जीवन के अधिकार
(ii) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार
(iii) कानूनी बराबरी के अधिकार
(iv) स्वतंत्रता, विधिसम्मत समानता और बंधुत्व
Q5. नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है ?
उत्तर: नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म 1769 ई0 में रोम सागर के दुवीप कोर्सिका की राजधानी अजासियों में हुआ था। वह असधारण प्रतिभा का स्वामी था। उसने पेरिस के फौजी स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर सेना में भर्ती हुआ और असीम वीरता, साहस और सैनिक योग्यता द्वारा उन्नति कर सेनापति बन गया। उसने ब्रिटेन, आस्ट्रिया और सार्डीनिया के विरुद्ध विजय प्राप्त की। तत्पश्चात् वह डायरेक्टरी का प्रथम बना और थोडे समय में ही वह फ्रांस का सम्राट बन गया । उसने अपनी योग्यता और कुशलता से फ्रांस में शांति व्यवस्था स्थापित की।
परीक्षा - उपयोगी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न: लूई XVI कब फ्रांस कि पर आसीन हुआ ?
उत्तर: 1774 में |
प्रश्न: लूई XVI जब फ्रांस की राजगद्दी पर आसीन हुआ तब उनकी उम्र क्या थी ?
उत्तरः लूई XVI जब फ्रांस की राजगद्दी पर आसीन हुआ तब उनकी उम्र 20 साल थी |
प्रश्न: लूई XVI जब की राजगद्दी पर आसीन होने के समय वितीय संसाधन नष्ट होने के क्या कारण थे?
उत्तरः लूई XVI जब फ्रांस की राजगद्दी पर आसीन होने के समय वितीय संसाधन नष्ट होने के प्रमुख कारण थे लम्बे तक युद्ध का चलना |
प्रश्न: लिब्रे क्या है ? इसे कब समाप्त ? कर दिया गया ?
उत्तरः यह फ्रांस कि मुद्रा होती है | जिसे 1794 में समाप्त कर दिया गया।
प्रश्न: फ्रांस को कब गणतंत्र घोषित किया गया ?
उत्तर: 21 सितंबर 1792 में ।
प्रश्न: फ़्रांसीसी समाज के कौन से एस्टेट के लोग कर ( tax) अदा करते थे ? इस वर्ग में कौन कौन से लोग आते थे ?
उत्तरः फ्रांसिसी समाज के तीसरे एस्टेट के लोग ही कर अदा कर रहे थे। इस वर्ग में व्यवसायी वर्ग, किसान एवं • मजदुर वर्ग के लोग आते थे।
प्रश्न: टाइद और टाइल में क्या अन्तर है ?
उत्तरः फ्रांस में धार्मिक कर को टाइद और प्रत्यक्ष कर को टाइल कहा जाता था |
प्रश्न: लूई सोलहवें के कर बढ़ाने के क्या कारण थे ?
उत्तरः लूई सोलहवें के कर बढ़ाने के निम्न कारण थे :
(i) की जनसंख्या में वृद्धि |
(ii) फ्रांसिसी सरकार पर कर्ज का बोझ |
(iii) वित्तीय संसाधन में कमी |
(iv) बार-बार युद्ध की मार ।
प्रश्न: एस्टेट्स जेनराल क्या है ? यह क्या कार्य करता था ?
उत्तर : एस्टेट्स जेनराल एक सरकारी संस्था थी। नए कर कि मंजूरी के लिए एस्टेट्स जेनराल कि बैठक बुलाई जाती थी | यह नए प्रस्तावों पर अनुमोदन का कार्य करता था |
प्रश्न: सन 1791 में फ्रांसिसी संविधान ने कानून बनाने का अधिकार किसको सौंप दिया ?
उत्तर: नैशनल असेंबली को सौपा था ।
प्रश्न: 'द सोशल कॉन्ट्रैक्ट' पुस्तक के लेखक कौन है ?
उत्तरः रूसो ।
प्रश्न: लुई सोलहवें की मृत्यु कैसे हुई ?
उत्तरः न्यायालय द्वारा उसे देशद्रोह के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई | 21 जनवरी 1973 में उसे सार्वजानिक रूप से फाँसी दे दी गई।
प्रश्नः फ्रांस की क्रांति के प्रमुख कारण क्या थे?
उतरः फ्रांस की क्रांति के प्रमुख कारण निम्म थे | imp
1. लूई सरकार का निरंकुश शासन |
2. मजदूर व्यापरियों और किसानों का शोषण |
3. दार्शनिको के विचार जो लोगों को क्रांति के लिए प्रेरित किया |
4. महंगाई, बेरोजगारी और बार-बार युद्ध से फ्रांस की सरकार पर कर्ज का भोझ ।
5. कर में भारी वृद्धि |
प्रश्न: फ्रांस की महिलाओं के द्वारा प्रारंभ की गई सबसे लोकप्रिय राजनैतिक क्लब का नाम लिखिए |
उत्तर: 'द सोसाइटी ऑफ़ रेव्लुशनरी एंड रिपब्लिकन वीमेन' |
प्रश्न: फ्रांसिसी क्रांति के दौरान जैकोबिन क्लब के सदस्यों के द्वारा अपनाए गए परिधानों की शैली का वर्णन कीजिए
उत्तर: जैकोबिनों के एक बड़े वर्ग ने गोदी कामगारों की तरह धारीदार लंबी पतलून पहनने का निर्णय किया ऐसा उन्होंने समाज के फैशनपरस्त वर्ग, खासतौर से घुटने तक पहने जाने वाले ब्रीचेस पहनने वाले कुलीनों से खुद को अलग करने के लिए किया। यह ब्रीचेस पहनने वाले कुलीनों की सत्ता समाप्ति के एलान का उनका तरीका था।
इसलिए जैकोबिनों को सौं कुलॉत' के नाम से जाना गया जिसका शाब्दिक अर्थ होता है बिना घुटन्ने वाले सौं कुलॉत पुरुष लाल रंग की टॉपी भी पहनते थे जो स्वतंत्रता का प्रतीक थी लेकिन महिलाओं को ऐसा करने की अनुमति नहीं थी।
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